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इंदौर:मनीषा साकेत उर्फ ​​दिव्या भारती निवासी अभिनव नगर  द्वारा दर्ज किए गए धोखाधड़ी और पैसे की जबरन वसूली (धारा 420) के मामले में नया मोड़ आ गया है। आरोप है कि अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत मनीषा साकेत उर्फ दिव्या भारती ने पंकज पर केस वापस लेने का दबाव बनाया और धमकियां दीं। इस मामले में राहुल पंजवानी, दानिश खान और लोकेश कोठरे के भी शामिल होने की बात सामने आई है।

मामले की पृष्ठभूमि मूल रूप से रीवा, मध्यप्रदेश की रहने वाली मनीषा उर्फ दिव्या वर्तमान में इंदौर के एक निजी अस्पताल में कार्यरत है। पंकज हुकुमचंद ने अगस्त माह में उस पर 2 लाख रुपये की उधारी नहीं लौटाने को लेकर कानूनी कार्रवाई की थी। केस के पक्ष में जाने के बाद मनीषा ने पंकज को धमकाने का प्रयास किया।

भाटिया मोबाइल शॉप पर हुई बातचीत से खुलासा एरोड्रम थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, राहुल पंजवानी ने अपने बयान में बताया कि यह घटना इंदौर के टावर चौराहा स्थित भाटिया मोबाइल शॉप पर घटी, जहां दानिश खान मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता है। वहीं मनीषा ने अपनी समस्या साझा की थी। इसके बाद राहुल पंजवानी, दानिश खान और लोकेश कोठरे ने मिलकर पंकज को समझाने और धमकाने की योजना बनाई।

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एरोड्रम थाने में शिकायत दर्ज जब पंकज को धमकी भरा फोन आया, तो उसने तुरंत एरोड्रम थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मनीषा, दानिश, राहुल और लोकेश के खिलाफ कार्रवाई की और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। फिलहाल, केस लंबित है और जांच जारी है।

कई अन्य लोग भी ठगी के शिकार सूत्रों के अनुसार, मनीषा पर पहले भी कई लोगों से पैसे उधार लेकर न लौटाने के आरोप हैं, जिनमें अस्पताल के मरीज भी शामिल हैं। जब कोई उधारी की रकम मांगता है, तो वह धमकाकर पीछा छुड़ा लेती है। इस पूरे घटनाक्रम में राहुल, दानिश और लोकेश की संलिप्तता भी जांच के दायरे में है।

न्यायिक प्रक्रिया जारी पुलिस फिलहाल सभी पहलुओं की जांच कर रही है। टावर चौराहा स्थित भाटिया मोबाइल शॉप के संचालक यश भाटिया ने आरोपियों की जमानत करवाई है। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने तक मामले पर कड़ी नजर रखी जा रही है।